कलीसिया
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कलीसिया | |
यह पाठ्यक्रम केवल कलीसिया की परिभाषा ही नही बताता है परंतु यह भी समझाता कि हम सदस्य सीखने वाली बातों को जीवन मे लागु कर कितना लाभदायक सिद्ध हो सकता है। डोनाल्ड स्मीटन का 136 पेजों वाला यह पाठ्यक्रम हर विश्वासी की कलीसिया में सही जगह के बारे में बताता तथा दिखाता है कि मसीह की देह के अभिभाग के रूप में अपनी योग्यता का कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं। | |
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पाठ 1: कलीसिया के लिए परमेश्वर की योजना | |
यीशु ने कहा, ‘‘मैं अपनी कलीसिया बनाउफँगा और मृत्यु भी उस पर हावी नही होगी।' मत्ती 16:18 यह एक अद्भुत वायदा है! संसार के आरंभ से ही कलीसिया के प्रति परमेश्वर की योजना थी। हम देखेंगे कि परमेश्वर की योजना भविष्य में भी पहुँच रही है। परमेश्वर ने हमारे लिए महान चीजें तैयार की हैं! यद्यपि आज हमारे पास समस्याएँ हैं, हम विश्वास के साथ भविष्य की ओर देख सकते हैं। |
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पाठ 2: कलीसिया का इतिहास | |
पहले पाठ में हमने कलीसिया को अनंतता के नजरिए से देखा। परमेश्वर ने कलीसिया की योजना बनाई, और परमेश्वर अपनी कलीसिया में कार्य कर रहा है। एक दिन, परमेश्वर कलीसिया के प्रति अपनी योजना को पूरी करेगा। यीशु मसीह दुबारा ध्रती पर आएँगे और कलीसिया को अपने साथ स्वर्ग में ले जाएँगे। अब, ध्रती के नजरिए से कलीसिया को देखेंगे। जब यीशु ने कहा, ‘‘मैं अपनी कलीसिया बनाउफँगा' तो उनका अर्थ, ‘‘यहाँ ध्रती पर था' इस पाठ में हम संक्षिप्त रूप में देखेंगे कि पिंतेकुस्त से लेकर वर्तमान तक कलीसिया के साथ क्या क्या बीता। |
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पाठ 3: कलीसिया क्या है? | |
यीशु ने कहा, ‘‘मैं अपनी कलीसिया बनाउफँगा।' मत्ती 16:18द्ध कलीसिया शब्द से उनका क्या अर्थ था? इस शब्द से चेले क्या समझे? | |
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पाठ 4: मैं परमेश्वर की कलीसिया का भाग कैसे बन सकता हूँ? | |
हमने कलीसिया के अतीत के बारे में बहुत पढ़ लिया है। हमने कलीसिया शब्द के अर्थ को भी सीखा। तो अब हम वर्तमान की ओर देखने के लिए तैयार हैं। हम अतीत में नही जीते हैं। हम आज अर्थात वर्तमान में जीते हैं। कलीसिया के अर्थ से मेरा क्या संबंध् है? इस पाठ में कलीसिया और आपकी ओर देखेंगे। यह एक बहुत ही व्यक्तिगत पाठ है। यह शायद इस पुस्तक का सबसे महत्वपूर्ण पाठ हो। |
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पाठ 5: कलीसिया एक देह के समान कैसे है? | |
क्ेवल विश्वासी ही परमेश्वर की कलीसिया के सच्चे सदस्य हैं। पिछले पाठ में हमने देखा कि विश्वासियों को कई नामों से पुकारा गया है। उन्हे चेले, संत, भाई एवं मसीही इत्यादि नाम दिए गए हैं। हर नाम उनके बारे में कुछ न कुछ बताता है। इसी प्रकार, कलीसिया को भी कई नामों से पुकारा जाता है। हर नाम कलीसिया के बारे में कुछ बताता है। बाइबल अक्सर कहती है कि कलीसिया एक देह के समान है। इस पाठ में हम देखेंगे कि इसका अर्थ क्या है। |
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पाठ 6: कलीसिया स्वयं के लिए क्या करती है | |
पिछले पाठ में हमने देखा कि कलीसिया एक देह के समान कैसे हैं। हमने देखा कि लोग एक दूसरे से अलग होने के बावजूद एकता में रह सकते हैं। हमने पाठ को इस बात पर ध्यान देकर समाप्त किया कि हम दूसरों के लिए क्या कर सकते हैं। यह पाठ उसी विषय पर है। अन्य विश्वासियों के प्रति हमारी एक जिम्मेदारी है। यदि हम दूसरों के साथ बाँटते नही हैं, या उन्हे ढ़ाढ़स नही बंधते हैं तो हम उन्हे ठेस पहुँचती है। यह पाठ मसीही की देह के रूप में अपनी भूमिका निभाने में आपकी मदद करती है। |
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पाठ 7 कलीसिया संसार के लिए क्या करती है | |
पिछले पाठ में हमने देखा कि हर विश्वासी की दूसरे विश्वासियों के प्रति जिम्मेदारी है। सब विश्वासी परमेश्वर के परिवार के भाग हैं। मसीहियों का मसीही भाई बहिनों के साथ विशेष संबंध् हैं। परंतु कलीसिया की भी गैर विश्वािसयों के प्रति जिम्मेदारी है। मसीह को कलीसिया के बाहर के लोगों को कभी नही भूलना चाहिए। इस पाठ में हम अविश्वासियों के प्रति एक विश्वासी के कर्तव्यों के बारे में देखेंगे। |
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पाठ 8 कलीसिया परमेश्वर के लिए क्या करती है | |
इस पाठ में हम देखेंगे कि कलीसिया परमेश्वर की सेवा करने एवं आज्ञा मानने के लिए क्या करती है। | |
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छात्र रिपोर्ट | |
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